“ आपकी आंतरिक प्रेरणा आपका मार्गदर्शन करती है । किंतु दृढ़निश्चय के अभाव में बहुत से प्रतिभावान लोग तकलीफें और बाधाएं आने पर मार्ग से भटक जाते हैं , और काबिलियत होने के बाद भी वह स्थान और सफलता हासिल नही कर पाते जिसके लिए वे बने होते हैं । ”
दोस्तों …
बहुत समय पहले इंग्लैंड के एक शहर में घुड़दौड़ का आयोजन किया जाता था । जहां घुड़दौड़ होती थी , वहीं पास में एक अस्तबल था । जहां एक व्यक्ति घोड़ों की देखभाल करता था । बदले में अस्तबल का मालिक उसे कुछ धनराशि देता था , जिससे उसका घर चलता था । उसका लड़का ‘ ऐलेन ‘ इस काम में उसकी मदत करता था , ऐलेन अक्सर देखता था कि उसके पिता को इतनी मेहनत करने के बदले बहुत कम पैसे मिलते जबकि घोड़ो के रैंच का मालिक घोड़ों को दौड़ में भेजकर और बेचकर लाखों का मुनाफा कमाता था । उसी दिन ऐलेन ने फैसला किया कि आगे चलकर वह अपने पिता की तरह एक सेवक नहीं बल्कि घोड़ों के रैंच का मालिक बनेगा और अपनी एक अलग पहचान बनाएगा । यह बात वह रोजाना अपने पिता , दोस्तों और पड़ोसियों से भी कहता था , सब उसकी बात सुनते और उपहास बनाते थे । ऐलेन उन सब की प्रतिक्रियाएँ सुनता और निराश होता लेकिन अपना मनोबल नही गिरने देता था । एक दिन उसके स्कूल में एक निबंध प्रतियोगिता रखी गयी । हर छात्र को निबंध लिखने के लिए एक ही विषय दिया गया “ आप जीवन में क्या बनना चाहते हैं ” प्रतियोगिता का आरंभ हुआ । सभी छात्रों ने अपने मन में पल रहे ख्वाब को लिखा कि जीवन में वे क्या बनना चाहते है ।
ऐलेन ने भी निबंध के जरिये अपने सपने के विषय में लिखा कि वह बड़ा होकर घोड़ों के रैंच का मालिक बनेगा । उसने अपने सपने की जो कल्पनाएं की थी उसे पूरे विस्तार से कॉपी पर लिखा और पूरा लिखने के बाद अपने शिक्षक को दे दिया और प्रतियोगिता खत्म होने के बाद घर वापस आ गया । अगले दिन सारे छात्र अपने परिणाम जानने को उत्सुक थे । सभी को अच्छे अंक मिले और सभी के भविष्य की योजनाओं की शिक्षक ने तारीफ भी की । लेकिन जब ऐलेन की कॉपी उस के पास आयी तो बड़े – बड़े अक्षरों में लिखा था ‘अनुत्तीर्ण ‘ यानी ‘ FAIL ‘ ऐलेन यह देख कर मायूस हो गया और शिक्षक के पास जाकर उसे अनुत्तीर्ण करने का कारण पूछने लगा ।
शिक्षक ने उसे लताड़ते हुए कहा – “ तुम्हारा स्वप्न एक स्वप्न ही रह जाएगा । इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नही है । तुम अगर लिखते की तुम अपने पिता की तरह कोई काम करोगे तो हो सकता था कि मैं तुम्हें उत्तीर्ण कर देता क्यों की वह तुम्हारी स्तिथि से मेल खाता । लेकिन तुम ने लिखा कि तुम एक घोड़ों के रैंच के मालिक बनोगे , ये पूरी तरह काल्पनिक है और तुम्हारे लिए असंभव भी । तुम्हारे पिता खुद एक मामूली से कर्मचारी है जो घोड़ों की गंदगी साफ करते हैं और उनकी देखभाल करते हैं , तुम कहाँ से रैंच के मालिक बनोगे ” इतना कहकर शिक्षक वहां से हँसते हुए चला गया । किन्तु ऐलेन अपनी कॉपी हाथ में लिए दृढ़ निश्चय कर चुका था कि चाहे कुछ भी जाए वह घोड़ों के रैंच का मालिक बन कर रहेगा । ऐलेन अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद शहर में नौकरी करने लगा , कुछ धन इकट्ठा होने के बाद गांव वापस आया और दो घोड़े ख़रीद लिए तथा उनकी अच्छे से देखभाल और उन्हें रेस में उतारने के लिए तैयार करने लगा । कुछ महीनों बाद जब घोड़े हृष्ट – पुष्ठ हो गए तो उसने उन्हें ऊंचे दामों पर बाहरी व्यापारियों को बेच दिया , उसे जो धन प्राप्त हुआ उससे उसने और कुछ छोटे घोड़े कम दाम पर खरीद लिए और उन्हें भी तैयार करने लगा । जिन व्यापारियों ने ऐलेन से घोड़े खरीदे थे जब वे शहर गए तो दूसरे व्यापारियों ने उनसे इतने आकर्षक घोड़ो के विषय में पूछताछ की तो उन्होंने ऐलेन के बिषय में बताया और कहा कि वह बहुत अच्छे नस्ल के घोड़े उपलब्ध कराता है जो सवारी के साथ – साथ घुड़दौड़ के लिए भी अच्छे होते हैं । उनकी बातों से प्रभावित होकर और बहुत से व्यापारी कुछ समय बाद ऐलेन के पास गए । वहां पर ऐलेन घोड़ों को ट्रेनिंग दे रहा था । व्यापारियों ने उससे घोड़े खरीदने की बात की तो वह मान गया । और मुंहमांगे दामों पर घोड़ों को बेच दिया । काफी समय तक यही चलता रहा । वह छोटे घोड़े ख़रीदता और उन्हें तैयार करके ऊंचे दामों में बेच देता । लगभग 10 वर्षो के बाद इंग्लैंड में एक घुड़दौड़ का आयोजन हुआ । यह दौड़ अंतरराष्ट्रीय स्तर की थी , जिसमें देश – विदेश से प्रतियोगी आये थे । यहां ऐलेन के स्कूल के उस शिक्षक को भी आने का अवसर प्राप्त हुआ । जिसने उसे स्कूल में उसके लिखे निबंध पर लताड़ लगाई थी । दौड़ खत्म होने के बाद उस शिक्षक के पास एक नौजवान आया और विनम्रतापूर्वक अभिवादन करते हुए अपना परिचय दिया – “ मैं मैदान के दूसरी तरफ मौजूद घोड़ो की रैंच का मालिक हूँ और आपका पुराना छात्र भी ” शिक्षक ने ध्यान से नौजवान को देखा तो पूरी घटना उसकी आँखों में उतर आई । पहले तो शिक्षक को थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई लेकिन फिर उसने लड़के की पीठ थपथपाते हुए कहा – “ शाबास ! मैं समझ चुका हूँ दुनिया में कोई भी काम छोटा – बड़ा नही होता , कोई इंसान अगर कुछ बनने का या प्राप्त करने का दृढ़निश्चय कर ले तो कुछ भी असंभव नही ”
आप शायद समझ ही गए होंगे वह लड़का कोई और नहीं ऐलेन था जो घुड़दौड़ के क्षेत्र में पूरे इंग्लैंड में अपनी धाक जमा चुका था । जिस ख्वाब को उसने कभी कागज पे उतारा था उसे वह साकार कर चुका था । सफलता हासिल कर चूका था ।
दोस्तों
दृढ़निश्चय और सफलता में सम्बन्ध
दृढ़ता में एक शक्ति होती है इतनी शक्ति की ये अदृश्य रूप से हर समय आपको सफल होने के लिए प्रेरित और अग्रसर करती है और आपके सर्वश्रेष्ठ रूप को बाहर ले आती है । चाहे आप किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हो । वित्तीय , सामाजिक , या पारिवारिक या कोई और सभी चीज़ों के लिए दृढ़निश्चय सफलता की चाबी होती है ।
दृढ़निश्चय क्या है
दृढ़निश्चय मतलब Determination एक ऐसा गुण है जो कमिटमेंट ( COMMITMENT ) या प्रतिबद्धता के फलस्वरूप आता है । ये आपको आपके लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सतत प्रयास करते रहने के लिए तब तक प्रेरित करता है जब तक कि आप उसे हासिल ना कर ले ।
● यह दृढ़निश्चय ही था जिसनें एक साधारण से लड़के उसैन बोल्ट ( usain bolt ) को बिजली की गति से दौड़ने तथा 8 बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता बनने के लिए प्रेरित किया ।
● यह दृढ़निश्चय ही था जिसनें एक मामूली कद काठी वाले और मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर को लगातार अभ्यास करने की प्रेरणा देकर इतना प्रतिभावान बना दिया कि उसे क्रिकेट का भगवान कहा जाने लगा ।
● यह दृढ़निश्चय ही था जिसनें एक साधारण से चेहरे और भारी आवाज वाले इंकलाब उर्फ अमिताभ बच्चन को असफलताओं के सामने कभी हार नही मानने दी , और सदी का सर्वश्रेष्ठ नायक बनने की प्रेरणा और जनता के दिलों दिमाग में कभी न मिटने वाली ‘ एंग्री यंग मैन ‘ की छवि दी ।
● यह दृढ़निश्चय ही था जिसनें एक तीर्थ यात्रियों को पकोड़े बेचकर खिलाने वाले तो कभी पेट्रोल पंप पर नौकरी करने वाले तो कभी दूसरे देश जाकर अपने परिवार के लिए 300 रुपये महीना कमाने वाले धीरजलाल हीरालाल अम्बानी उर्फ धीरूभाई अंबानी को भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक घराना ” रिलांयस ” बनाने की प्रेरणा दी ।
● हो सकता है इस लिस्ट में कुछ महीनों या सालों बाद आपका नाम भी हो ।
दोस्तों …
◆ जिस काम को करने के लिए आप का जन्म हुआ है उस कार्य को खोजिए , जब वह कार्य मिल जाये तो उसे करने और उसमें सफलता हासिल करने का दृढ़निश्चय कीजिए ।
ध्यान रहे : – ये तय है कि रुकावटे और बाधाएं आएंगी । लेकिन आपको प्रयास करने नही छोड़ने है । स्वेट मॉर्डन ( Orison Swett Marden ) के शब्दों में “ प्रयत्न और प्रयास के अभाव में आपकी सारी आशाएं पानी के बुलबुले जैसी सिद्ध हो सकती हैं । ”
◆ कुछ चीजें महत्वपूर्ण होती हैं लेकिन इतनी नही जितना हम समझते हैं । आप के पास डिग्री नही है , आपकी पृष्ठभूमि अच्छी नहीं हैं आप गरीब हैं या अमीर , आप कश्मीर से आएं हैं या कन्याकुमारी से । इन सब बातों से कोई फर्क नही पड़ता ।
ध्यान रहे : – हमारे विचार रचनात्मक होते हैं , नकारात्मक हो या सकारात्मक , आप जिस पर ध्यान देंगे या महत्व देंगे वही आप पर हावी हो जाएंगी । आप का दृष्टिकोण आपका विश्वास और किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपके द्वारा किया गया दृढ़निश्चय और आपका समर्पण आपको सफलता दिलाता है । और यही महत्वपूर्ण हैं ।
◆ सफलता के भूखे सभी होते हैं । कोई भी फेल नही होना चाहता , लेकिन कितने लोग है जो असफलता मिलने और रुकावटे आने के बाद भी अपनी दृढ़ता बनाये रखते हैं । ऐलेन की तरह अपना मनोबल नही गिरने देते , अपना संकल्प नही टूटने देते …
शायद बहुत कम !
ये बहुत कम लोग जब संघर्ष की भट्टी में तपकर खरा – सोना बनते हैं , तो पूरी दुनिया उन्हें सफ़ल व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करती हैं ।
ध्यान रहे : – आपकी आंतरिक प्रेरणा आपका मार्गदर्शन करती है । किंतु दृढ़निश्चय के अभाव में बहुत से प्रतिभावान लोग तकलीफें और बाधाएं आने पर मार्ग से भटक जाते हैं , और काबिलियत होने के बाद भी वह स्थान हासिल नही कर पाते जिसके लिए वे बने होते हैं ।
अपने सपनों को लिखें , आप क्या बनना चाहते हैं ( कोई फर्क नही पड़ता आप चौदह साल (14 ) के हैं या चवालीस (44) के । आपका सर्वश्रेष्ठ रूप किसी भी उम्र में बाहर आ सकता है । जरूरत होती है उस सपनें को साकार करने के लिए दृढ़निश्चय की । जब आप ठान लेते हैं की आप नहीं रुकेंगे तो आपको कोई ताकत नहीं रोक सकती । लेकिन अगर आपके विचारों में दृढ़ता का अभाव है तो आप बिल्ली के रास्ता काटने या किसी के छींकने पर भी सौ बार सोचेंगे ।
दोस्तों ..
किस्से , कहानियां , बातें , उदाहरण बहुत हैं । इतने की हम गिन भी नही सकते । क्यों कि कुदरत ने सभी को किसी न किसी हुनर से नवाजा है । लेकिन बहुत कम लोग अपने हुनर को दुनिया के सामने ला पाते हैं । जब हम विश्वास के साथ अपने सपनों का पीछा करते हैं । तो बंद रास्ते अपने आप खुल जाते हैं और मीलों का सफर भी सिमटकर छोटा हो जाता हैं , जरूरत होती है दृढ़निश्चय की ।
उम्मीद है आपको लेख पसंद आएगा , और आप लाभान्वित होंगें । हमेशा की तरह इस बार भी आपके सुझाव और शिकायतें सादर आमंत्रित हैं ।
धन्यवाद ..😊