बच्चों के लिए छोटी प्रेरणादायक कहानियां | The Best Hindi Story For Kids – 2023

बच्चों के लिए छोटी प्रेरणादायक कहानियां | The Best Hindi Story For Kids – 2023

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प्रणाम मित्रों  .. 

कहानियों   की  श्रृंखला  को  आगे  बढ़ाते  हुए .. बच्चों  के  लिए  प्रस्तुत  है  एक  और  छोटा  सा  कहानियों  का  संग्रह .. ऐसा  इसलिए  क्योंकि  बच्चों  को  ही  ज्यादातर   Story सुनना  काफी  पसंद  होता   है । आज  के  लेख  में  आप  सभी  को  कुछ   ऐसी   कहानियों  के  बारे  में  जानकारी  प्राप्त  होने  वाली  है , जिससे  यकीनन  आपको  नई  प्रेरणा  मिलेगी .. इन  कहानियों  को  अगर  बच्चे  पढ़ते  हैं   या  आप  बच्चो  को  सुनाते  है , तो  इससे  उन्हें  एक  बेहतर  इंसान  बनने में  सहायता  होगी । आज   के   समय  में  अधिकांश  बच्चों  को  हिंदी  कहानियां  पढ़ना  या  सुनना  काफी  पसंद   होता है ।  तो   आइये  सफर  शुरू  करते   हैं 

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सुई देने वाली पेड़ की कहानी | HINDI STORY FOR KIDS

एक  समय  की  बात  है   एक  जंगल   के  पास  दो  भाई  रहते   थे ।  दरअसल , इन  दोनों  भाइयों  में   जो  बड़ा  भाई  था  वो  अपने  छोटे  भाई  के  साथ  काफी  बुरा  व्यवहार  किया  करता  था । जैसे  कि  वो  हर  रोज  अपने  छोटे  भाई का  खाना  खा  जाया  करता  था । इसके  साथ  ही  अपने   छोटे  भाई  के  नए  कपड़े  भी  पहन  लेता  था । वही  एक दिन  बड़े  भाई  ने  विचार  किया  की  मैं  जंगल  में  जाकर  कुछ  लकड़ियां  काटूंगा और  बाजार   में  बेचकर  कुछ  पैसे  कमाऊंगा । 

इस योजना को बना कर वो जंगल में लकड़ी काटने चला जाता है और वहां पर कई सारे वृक्ष को काट लेता है । फिर पेड़ काटते – काटते  वह   एक  जादुई   वृक्ष { पेड़ } से  टकरा  जाता  है ।  ऐसे   में   वृक्ष  बोलता  है  कि  अरे  महाशय  कृपया   मेरी शाखाएं  मत  काटिये  । इसके  साथ  ही  पेड़   लड़के   को  एक  लालच   देता   है  की  अगर  तुम  मुझे  नहीं  काटते हो ,  तो  मैं  तुम्हें  एक  सुनहरा  सेब  दूंगा । 

दरअसल , उस  समय  पेड़   की  बात  सुनकर  लड़के  के  मन  में  लालच  आ  जाता  है  और  वो  वृक्ष  के  प्रस्ताव   को  स्वीकार   कर  लेता  है , लेकिन  स्वीकार  करने  के  साथ  ही  वह   वृक्ष  को  धमकी  भी  देता  है  कि  तुम  मुझे  ज्यादा  सेब  नहीं  दोगे   तो  मैं  तुम्हारा  सारा  धड़  काट  दूंगा । ऐसे  में  जादुई  वृक्ष  ने  क्रोध  में  सेब  के  बजाए  लड़के  के ऊपर  सुइयों  की  मानों  बारिश  ही  कर दी  हो । इससे  बड़ा  भाई  दर्द  से  चिल्लाते  जमीन  पर  पड़  जाता  है । 

वही  जैसे  –  जैसे  समय  बढ़ता  जा  रहा  था  वैसे –  वैसे  छोटे  भाई  को  अपने  बड़े  भाई  की  चिंता  सता  रही  थीं । इसलिए  वे  अपने  बड़े  भाई  को  जंगल  में  ढूंढने  के  लिए  चला  जाता  है । फिर  छोटा  भाई  चलते – चलते  उस जादुई  पेड़  के  पास  जा  पहुंचता  है  जहां  पर  उसका  बड़ा  भाई  दर्द  में   कराहता   हुआ  वृक्ष  के  नीचे  पड़ा  हुआ  मिलता  है । 

छोटे  भाई  ने  अपने  भाई  के  शरीर  पर  चुभी  सभी  सुइयों  को  एक – एक  करके  निकाल  देता  है । बड़ा  भाई जब  छोटे  भाई  के  दिल  में  अपने  लिए  इतना  प्यार  देखता  है , तो  उसे  खुद  पर  काफी  ज्यादा  गुस्सा  आता है । जिसके  बाद  वे  अपने  छोटे  भाई  से  बुरे  व्यवहार   के  लिए  माफी  मांगता  है  और  बोलता  है  की  भाई  आगे  से  ऐसी  गलती  नहीं  होगी । 

जादुई  वृक्ष  का  भी  दिल  दोनों  भाइयों  के  प्रेम  को  देखकर  पिघल  जाता  है  और  वे  बड़े  भाई  को  जरूरत  के अनुसार  सारे  सुनहरे  सेब  प्रदान  कर  देता  है । इस  तरह  दोनों  भाई  घर  वापस  लौट  जाते  है  और  हंसी  खुशी आगे  की  जिंदगी  साथ  बिताने  लगते  है ।

Moral in Hindi – सुई  देने  वाली  पेड़  की  कहानी  को  पढ़कर  हमें  यह  शिक्षा  प्राप्त  होती  है । .. की  हमें  हमेशा दयालु  बनना  चाहिए ,क्योंकि  ऐसे  व्यक्तियों  को  हमेशा  पुरस्कृत  किया  जाता  है । और  लालच  नहीं  करना  चाहिए .. क्यों  की  लालच  में  व्यक्ति  अच्छे  बुरे  ,  सही  – गलत  की  पहचान  नहीं  कर  पाता  ..  और  किसी  न  किसी  रूप  में  या  किसी  न  किसी  माध्यम  से  नुक्सान  उठाता  है  .. ।

एक शेर और चूहे की कहानी | SHORT STORY FOR KIDS

एक  समय  की  बात  है  जब  एक  शेर  जंगल  में  गहरी  नींद  में  सो  रहा  था । वहीँ  पर  एक  चूहा  अपने मनोरंजन  के  लिए  शेर  के  शरीर  पर  उछल – कूद  करने  लगता  हैं । इससे  शेर  की  नींद  खुल  जाती  है  और वो  चूहे  पर  हद  से  ज्यादा  गुस्सा  हो  जाता  हैं । वहीँ  शेर  गुस्से  में  जैसे  ही  चूहे  को  खाने  के  लिए  आगे  बढ़ता है , वैसे  ही  चूहा  शेर  से  हाथ जोड़  कर  माफी  मांगने  लगता  है । 

साथ  ही  में  वो  शेर  को  वचन  भी  देने  लगता  है  की  शेर  भाई  आपको  जब  भी  मेरी  जरूरत  हो , तब  आप मुझे  याद  कर  लीजिए  मैं  आपकी  मदद  के  लिए  हाजिर  हो  जाऊंगा । हालांकि , चूहे  की  इस  बात  को  सुनकर  शेर  काफी  हंसता  है  और  चूहे  को  माफ  कर  उसे  जाने  को  कहता  है । 

फिर   कुछ  दिन  बाद  जंगल  में  कुछ  शिकारी  आते  है  और  उस  शेर  को  अपने  जाल  में  फंसा  लेता  है । जिसके  बाद  शेर  को  एक  वृक्ष  से  बांध  कर  रख  देता  है । ऐसे  में  शेर  अपने  आप  को  शिकारी  से  बचाने  के लिए  अपना  पूरा  प्रयत्न  लगा  लेता  है , लेकिन  फिर  भी  अपने  आप  को  शिकारी  के  जाल  से  बचा  नही  पाता है । जिसके  बाद  शेर  जोर – जोर   से   दहाड़ने  लगता  है । 

दरअसल , शेर  की  दहाड़  जंगल  में  गूंजने  लगती  है । वही  जंगल  में  चूहा  भी  पास  के  रास्ते  से  ही  गुजर  रहा था , तभी  उसे  अचानक  से  शेर  की  दहाड़  की  आवाज  सुनाई  पड़ती  है । इससे  चूहे  को   ये   तो  पता  चल  ही जाता  है  कि  शेर  काफी  तकलीफ  में  है ।  जैसे  ही  चूहा  शेर  के  पास  पहुंचता  है , वैसे  ही  शेर  के  जाल  को काटने  लगता  है । 

इस  तरह  थोड़े  ही  देर  में  चूहे  ने  शेर  के  शरीर  में  फसें  जाल  को  अपने   दांतो  से  कुतर  देता  है  और शिकार  के  जाल  से  शेर  को  मुक्त  करा  देता  है । मुक्त  होने  के  बाद  ही  शेर  चूहे  को  धन्यवाद  कहता  है । फिर  दोनों  कुछ  ही  देर  में  जंगल  की  ओर  साथ  जाने  लगते  है । 

Moral in Hindi – एक  शेर  और  चूहे  की  कहानी  को  पढ़कर  हमें  यह  शिक्षा  प्राप्त  होती  है  कि  उदार  मन  से किया  गया  काम  हमेशा  सकारात्मक  / अच्छा  फल  प्रदान  करता  है । 

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हाथी और उसके दोस्तों की कहानी | MORAL STORIES FOR KIDS IN HINDI

वर्षों  पहले  की  बात  है  एक  घने  जंगल  में  एक  हाथी  किसी  दूसरे  जंगल  से  रहने  आता  है । दरअसल ,  हाथी के  लिए  यह  जंगल  नया – नया  था  और  नयी  जगह  पर  साथ  में  रहने  के  लिए  कुछ  दोस्तों  का  होना  जरूरी  होता  है  इसीलिए  उसे  साथ  में  रहने  के  लिए  कुछ  दोस्तों  की  तलाश  रहती  है ।  हाथी  ने  सबसे  पहले  एक बंदर  से  बात  करनी  चाही  और  कहा , ” नमस्ते  बंदर  भाई ,  क्या  आप  मेरे  मित्र  बनना  चाहेंगे ?  बंदर  भाई  ने जवाब  दिया  की  तुम  तो  इतने  बड़े  हो  की  मेरी  तरह  झूल  भी  नहीं  सकते  मैं  तुम्हारा  मित्र  नहीं  बनूंगा । 

हाथी  ऐसा  उत्तर  सुनकर  निराश   हो   गया  और  फिर  एक  खरगोश  के  पास  जाता  है  और  उससे  यह  प्रश्न पूछता  है  की  क्या  आप  मेरे  मित्र  बनेंगे ?  खरगोश  बोलता  है  कि  तुम  मेरी  तरह  मेरे  बिल  में  तो  घुस  ही नहीं  पाओगे , तो  मैं  तुम्हारा  दोस्त  नहीं  बनूंगा । जब  खरगोश  ने  भी  दोस्ती  के  लिए  इंकार  कर  दिया , तो  हाथी मेढक  के  पास  जाता  है  और  यही  प्रश्न  पूछता  है , तो  मेढक  बोलता  है  कि  तुम  मेरी  तरह  ऊंचा  उछल नहीं  सकते  क्योंकि  तुम  भारी  हो  इसलिए  मैं  तुम्हारा  मित्र  नहीं  बन  सकता । 

अब  सच  में  हाथी  काफी  ज्यादा  निराश  हो  जाता  है  और  खुद  को  अकेला  महसूस  करता  है । क्योंकि  कोई भी  उसके  दोस्त  बनने  को  तैयार  ही  नही  थे । फिर  एक  रोज  जंगल  में  सभी  जानवर  इधर – उधर  दौर  रहे  थे तभी  हाथी  ने  भालू  से  पूछा  की  आखिर  सभी  जानवर  इधर  से  उधर  क्यों  उछल  रहे  है । भालू  ने  कहा  की जंगल  का  शेर  शिकार  करने  के  लिए  निकल  चुका  है । 

ऐसे  में  हाथी  शेर  के  पास  जाता  है  और  शेर  से  गुहार  लगाता  है  कि  कृपा  करके  इन  निर्दोष  और  मासूम जानवरों  को  मत  मारो । कृपा  करके  आप  उन्हें  अकेले  छोड़   दे।  शेर  ने  हाथी  की  बातो  की  हंसी  उड़ाई और  उसे  दूसरी  ओर  जाने  को  कहता  है । ऐसे  में  हाथी  को  गुस्सा  आता  है  और  वो  अपनी  ताकत  से  शेर को  जोरदार  धक्का  दे  देता  है । जिससे  शेर  घायल  हो  जाता  है  और  भाग  जाता  है ।   

अब  धीरे  – धीरे  सभी  छिपे  जानवर  बाहर  निकल  आते  है  और  हाथी  के  पास  पहुंच  कर  सारे  जानवर  बोलते है  कि  तुम्हारा  आकार  बिल्कुल  सही  है । तुम  मेरे  मित्र  जरूर  बन  सकते  है ।  इस  तरह  सारे  जानवरों  से हाथी  की  दोस्ती  हो  जाती  है  और  सभी  मिल – जुल  कर  रहने  लगते  है । 

Moral in Hindi – हाथी  और  उसके  दोस्तों  की  कहानी  को  पढ़कर  हमें  यह  शिक्षा  मिलती  है  कि  एक  मनुष्य का  आकार  , रूप  ,  रंग  उनके  मूल्य  का  निर्धारण  नही  करता  है ।

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बच्चों के लिए कहानियों पर हमारी कुछ अन्य पोस्ट भी हैं जो सचित्र हैं और जिससे बच्चे ज्यादा बेहतर तरीके से कहानियों का मर्म समझ सकते हैं तथा आप इन निम्नलिखित पोस्ट पर कुछ अधिक कहानियां पढ़ने / पढ़ाने के लिए भी जा सकते हैं , इनमें नैतिक शिक्षा के साथ कहानियों को दिया गया है ..

Hindi Story || हिंदी कहानियां

दयालु  किसान | Hindi Story For Kids

एक बार की बात है , एक दयालु और उदार किसान था जिसका नाम हरिराम था , उसके पास एक काफी बड़ा खेत था। गाँव के सबसे ईमानदार और मेहनती किसान के रूप में वह प्रसिद्ध था ।

एक दिन , यात्रियों का एक छोटा समूह गाँव में आया और हरिराम के पास पहुँचा । उन्होंने हरिराम से रहने के लिए जगह और खाने के लिए कुछ खाना माँगा। हरिराम नें अपने गुणों के अनुरूप ही उन सभी का अपने घर में स्वागत किया और उन्हें उनकी जरूरत की हर चीज उपलब्ध कराई ।यात्री हरिराम की अजनबियों के प्रति भी इतनी उदारता से चकित थे और उससे पूछा कि वह उनके प्रति इतना दयालु क्यों है । किसान ने जवाब दिया , “मेरा मानना है कि दया और उदारता सुखी जीवन की कुंजी हैं । दूसरों की मदद करके हम दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं ।”

सभी यात्री हरिराम की बातों से प्रेरित हुए और उन्होंने अपनी यात्रा में दूसरों की मदद करके इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया ।जैसे ही उन्होंने गाँव छोड़ा , उन्होंने दयालु और उदार हरिराम के बारे में बात फैलाई और जल्द ही , पूरे क्षेत्र के लोग उनसे मिलने और उनके उदाहरण से सीखने लगे । हरिराम की दया का उन सभी यात्री गणों पर इतना सकारत्मक प्रभाव पड़ा की जल्द ही , पूरा गाँव अपनी उदारता और दूसरों के प्रति करुणा के लिए जाना जाने लगा ।

Moral in Hindi –   दयालुता  के  छोटे  कार्य  हमारे  आसपास  की  दुनिया  पर  बड़ा  प्रभाव  डाल  सकते  हैं । दूसरों  की  मदद  करके , हम  सकारात्मकता  का एक  लहरदार  प्रभाव  पैदा  कर  सकते  हैं  जो  हमारे  अपने  कार्यों  से  बहुत  आगे तक  फैलता  है । 

लोमड़ी और अंगूर की कहानी | BACHON KI KAHANI

एक  समय  की  बात  है  जब  एक  बार  एक  वन  में  एक  लोमड़ी  रहता  था  और  एक  दिन  वो  काफी  भूखी  थी ।  उसने  जंगल  के  हर  जगह  पर  जाकर  खाना  देख  लिया  लेकिन  उसे  खाना  खाने  के  लिए  कुछ  भी  नहीं मिला ।  दरअसल , बहुत  खोजने  के  बाद  भी  लोमड़ी  को  उसके  खाने  लायक  कुछ  भी  नहीं  मिलता  है ।  अंत   में  एक  पेट  में  जोर   से  गड़गड़ाहट  से  होती   है  और  वे  एक  किसान  के  घर  की  दीवार   से   जा  टकराती  है । 

तभी  अचानक से  दीवार के  शीर्ष  पर  लोमड़ी  को  अंगूर  दिखते  है , जो  कि  ताजे  और  रसीले  नजर  आ  रहे  है । आखिर  में  लोमड़ी  को  ऐसा  लगता  है  कि  चलो  ये  मेरे  खाने  लायक  खाना  नजर  आता  है । वही  अंगूर  को पाने  के  लिए  लोमड़ी  ऊँची   छलांग  लगाती  है । बार – बार  कोशिश  करने  के  बाद  भी  लोमड़ी  चूक  जाती  थी ।  हालांकि , फिर  लोमड़ी  ने  कोशिश  की  और  फिर  भी  सफल  नहीं  हो  पाई । 

अंत  में  लोमड़ी  जब  थक  जाती  है  और  मन  में  हार  मान  जाती  है  और  यह  सोच  लेती  है  की  अंगूर  उसे मिलने  वाले  नहीं  है  तो  वे  घर  लौट  जाती  है । तभी  लोमड़ी  मन  में  सोच  लेती  है  कि  पक्का  अंगूर  खट्टे  होंगे इसलिए  वो  हाथ  में  न  आए । 

Moral in Hindi – लोमड़ी  और  अंगूर  की  कहानी  वैसे  तो  बहुचर्चित  कहानी  हैं  लेकिन  जितनी  बार  पढ़ी  जाएँ  उतनी  ही  बार   समझाती  है  और  यह  शिक्षा  देती  है  कि  जो  हमारे  पास  नहीं  है  उसका  तिरस्कार  बिल्कुल  भी  नहीं  करना  चाहिए । क्योंकि  कुछ  भी  आसानी  से  प्राप्त  नही  होते  है ।

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कौवे की गिनती | MORAL STORIES FOR KIDS IN HINDI

एक  वक्त  की  बात  है  जब  मुग़ल  बादशाह  अकबर  अपने  दरबार  में  कुछ  ऐसा  प्रश्न  पूछते  है , जिसे  सुनकर मौजूद  सभी  व्यक्ति  हैरान  हो  चुके  थे ।  जैसे  ही  महाराज  अकबर  अपने  प्रश्न  का  जवाब  का  इंतजार  कर  रहे थे  तभी  दरबार  में  बीरबल  आ  पहुंचते  है  और  कहते  है  की  आखिर  मामला  क्या   है  ?? तभी  अकबर  ने  अपना  प्रश्न  फिर  से  पूछा  की  बताओ  शहर  में  कितने  कौवे  है ? 

उसी  समय  प्रश्न  सुनकर   दरबार  में  बीरबल  मुस्कुराते  है  और  कहते  है  कि  बस  ये  आसान   सवाल  है  इसका उत्तर  है  कि  शहर  में  कुल  इक्कीस  हजार  पांच  सौ  तेईस  कौवे  है । तभी  अकबर   बोलते  है  की  आप  ऐसा कैसे  बोल  सकते  है ।  इसका  प्रमाण  क्या  है । तभी  बीरबल  बोलता  है  की  अगर  आपको  शक  है  तो  आप अपने  सैनिकों  से  कहकर  शहर  के  सभी  कौवों   की  गिनती  करवा  ले ।  

अगर  कौवे  की  संख्या  कम  आती  है  तो  समझ  लीजिए  की  कौवा  अपने  रिश्तेदार  के  यहां  गया  है  और  अगर  ज्यादा  आते  है  तो  इसका  मतलब  कौवे  के  रिश्तेदार आए  हुए  है । बीरबल  के  जवाब  से  महाराज  को संतुष्टि  मिलती  है  और  वे  बीरबल  को  इस  जवाब  के  लिए  भेंट   भी  देते  है । और  उनके  बुद्धि  की  भी  काफी तारीफ  करते  है ।  

Moral in Hindi –   कौवे  की  गिनती  के  इस  कहानी  को  पढ़कर  हमे  यह  सीखने  को  मिलता  है  कि   आपका जवाब  में  सही  स्पष्टीकरण  होना  उतना  ही  जरूरी  है  जितना  की  सही  जवाब  का  होना ।

छोटी  चिड़िया  की  कहानी | Bachon Ki Kahani 

एक  बार  की  बात  है , एक  छोटी  सी  चिड़िया  थी  जिसे  गाना  बहुत  पसंद था ।  वह  दिन  भर  गाती  रहती ,  और  उसकी  सुंदर  आवाज  जंगल  को  आनंद से  भर  देती । एक  दिन  जानवरों  का  एक  समूह  चिड़िया  के  पास  आया  और  बोला , ” तुम्हारी  गायकी  बहुत  सुंदर  है !  हम  चाहते  हैं  कि  तुम  हर  दिन  हमारे  लिए गाओ। “

छोटी  चिड़िया  रोमांचित  हो  गई  और  हर  दिन  जानवरों  के  लिए  गाने  के लिए  तैयार  हो  गई ।  लेकिन  जल्द  ही , उसे  एहसास  हुआ  कि  उसने  गलती की  है ।  जानवर  अपने  शोर  से  उसके  गायन  में  बाधा  डालते  थे ,  और  उन्होंने  उसकी  सुंदर  आवाज़  की  उतनी  सराहना  नहीं  की  जितनी  उन्होंने वादा  किया था ।

दुखी  और  निराश  महसूस  करते  हुए ,  छोटी  चिड़िया  ने  जानवरों  के  लिए गाना  बंद  करने  का  फैसला  किया ।  वह  उड़कर  जंगल  में  एक  शांत  जगह पर  चली  गई  जहाँ  वह  बिना  किसी  रुकावट  के  गा  सकती  थी ।जब  वह  गा  रही  थी ,  उसने  देखा  कि  अन्य  पक्षी  भी  इसमें  शामिल  होने लगे ।  वे  उसकी  सुंदर  आवाज  से  आकर्षित  हुए  और  उसके  साथ  गाना चाहते  थे ।

छोटी  चिड़िया  ने  महसूस  किया  कि  अपने  उपहार  को  उन  लोगों  के  साथ साझा  करना  बेहतर  था  जिन्होंने  इसकी  सराहना  की ,  बजाय  सभी  को  खुश  करने  की  कोशिश  करने  के ।  उसने  सीखा  कि  खुद  के  प्रति  ईमानदार रहना  और  वह  करना  महत्वपूर्ण  है  जो  आपको  खुश  करता  है ,  भले  ही इसका  मतलब  उन  लोगों  को  पीछे  छोड़ना  हो  जो  आपकी  सराहना  नहीं करते  हैं ।

Moral in Hindi – हमेशा  अपने  प्रति  सच्चे  रहें  और  ऐसी   संगत   में   रहें   जहाँ  सकारात्मक   लोग   रहते  हों  ।

निष्कर्ष ..

  मित्रों  .. आशा  है  की  आपको  कहानियों  की  श्रृंखला  की  यह  कड़ी  पसंद  आयी  होगी । आज  के  लेख  में  मैंने  आप  सभी  को  बच्चो  के  लिए  कुछ  ऐसे  कहानी  बताने  की  कोशिश  की   है  जिससे  उन्हें  जीवन  में  प्रेरणा  मिलेगी  और  जरूर  कुछ  न  कुछ  सीखने  को  मिलेगा ।  और  हाँ  हर  बार  की  तरह  इस  बार  भी  आपकी  सकारात्मक  और  नकारत्मक  दोनों  प्रतिक्रियाओं  का  स्वागत  सहर्ष  किया  जाएगा  । 

धन्यवाद

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Written by
Prateek
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