कुदरत ने सबसे खूबसूरत उपहार जो हमे दिया है , वह ये की जब आप किसी का भला करते हैं , तो आपका भला कुदरती रूप से हो जाता है ” इसीलिए कहा गया है की जीवन एक प्रतिध्वनि है
दोस्तों 🙏…
दक्षिण भारत के एक गांव में एक किसान रहता था , जिसका नाम वेंकटेश्वर था । वह अपने खेतों में मक्के की खेती करता था । तथा अपने जीवन मे लगभग हर बार सरकार द्वारा बेहतरीन फसल का पुरस्कार उसे ही मिलता था , जिसके कारण दूसरे राज्यो के किसान भी उससे यह रहस्य पूछने आते थे ,की आखिर कैसे इतने अच्छे किस्म के मक्के का उत्पादन करता है , की हर बार सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाता है ??
वह जो जवाब देता था , शायद आपको अजीब लगे , वेंकटेश्वर कहता था – कि वह जो बीज अपने खेतों में डालता था , वही वह अपने आस – पास के खेतों के मालिकों को भी देता था उगाने के लिए । इससे होता यह है कि हवा जब बहती है तो पकी हुई फसल यानी मक्के के पराग कणों को आस – पास के खेतों में लेकर जाती है , जिसके कारण फसल को काफी हद तक फायदा या नुकसान होता है । यदि मेरे पड़ोसी किसान घटिया फसल का उत्पादन करेंगे तो वह परागकणों के कारण मेरी फसल को भी प्रभावित करेंगे और मेरे खेतो में जो उत्पादन होगा वो निम्नस्तरीय होगा । अतः मैं अपने साथी किसानों को उगाने के लिए वही अच्छी किस्म का बीज देता हूँ जो मैं प्रयोग में लाता हूँ । जिससे मेरी फसल परागकणों के माध्यम से स्वतः ही अच्छी हो जाती है ।
जीवन की सच्चाई
दोस्तों ..
यही हमारे जीवन की सच्चाई है , आप माने या ना माने आप दूसरों को जो भी देते हैं । चाहे वह सम्मान हो , प्रेम हो , सहायता हो , नफ़रत हो , गाली हो , कोई विचार हो या व्यवहार हो वह लौट कर आपके जीवन में देर – सबेर किसी न किसी माध्यम से प्रकट हो ही जाता है ।
यह कुदरत का एक नियम है , इससे डरने की नही वरन समझ के साथ उपयोग में लाने की जरूरत है ।
जब आप इस नियम को समझ लेते हैं तो …
(1) – आप अपने और अपने आस – पास के माहौल और व्यक्तियों के प्रति अनुशासित और संवेदनशील हो जाते हैं , अगर किसी का भला नही करेंगे तो किसी के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी नही करेंगे ।
(2) आंतरिक शांति महसूस करते हैं और एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होने लगता है ।
(3) करुण होना क्या है , यह समझ में आने लगता है ।
इस विषय पर ”राल्फ वाल्डो इमर्सन” का एक कथन विचारणीय है ।
“कुदरत ने सबसे खूबसूरत उपहार जो हमे दिया है , वह ये की जब आप किसी का भला करते हैं , तो आपका भला कुदरती रूप से हो जाता है ”
इमर्सन ने ऐसा क्यों कहा ??
हमारे विचार रचनात्मक होते हैं , अगर मैं दुसरो के विषय मे गलत सोच और महसूस कर रहा हूँ तो मैं अनजाने में ही उन बातों को अपने अनुभवों में भी उतार रहा हूँ ( इस फर्क को समझे , मैं अपने विषय मे गलत नही सोच रहा हूँ । लेकिन किसी दूसरे के बारे में सोचकर उसे अपने अनुभवों में भी उतार रहा हूँ जो कभी न कभी मेरे जीवन मे घटना बन कर प्रकट हो जाएगी ) इसका अर्थ है कि अगर किसी के साथ धोखा कर रहा हूँ तो दरअसल खुद को धोखे में रख रहा हूँ और इस बात की तैयारी कर रहा हूँ कि कल कोई मेरे साथ ऐसा करें , धोखा दे । इसीलिए कहा गया है की जीवन एक प्रतिध्वनि है ।
अतः दुसरो के साथ वही व्यवहार करें जो आप अपेक्षा रखते हैं कि दूसरे आप के साथ करें ।
धन्यवाद ..
आपके सुझाव और शिकायतें सादर आमंत्रित है ।