सबक .. | An Entertaining and Motivational story in hindi [ 2023 ]

सबक .. | An Entertaining and Motivational story in hindi [ 2023 ]

Motivational story in hindiMotivational story in hindi

Motivational story in hindi for students

प्रणाम मित्रों .. कुछ प्रसिद्ध और स्वरचित छोटी – छोटी .. प्रेरणादायक एवं शिक्षाप्रद कहानियों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज आप सभी के लिए प्रस्तुत है एक पिता – पुत्र के संवाद से सजी .. जिसमें पिता सुमित बेटे रोहन को नक़ल न करने , धोखा न देने और ईमानदारी के साथ मेहनत करके सफलता प्राप्त करने की अपनी कहानी सुनाता है .. जो बताती है की छात्र जीवन में घटी एक घटना कैसे हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाती है .. और वह पाठ कैसे हमें और हमारे परिवार को प्रभावित करता है .. और फिर हमें सकारात्मक या नकारात्मक कैसे परिणाम मिलते हैं ??

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बात उस समय की है जब मैं शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल का एक होनहार छात्र था जो अपनी बुद्धिमत्ता और अकादमिक उत्कृष्टता के लिए जाना जाता था । मैं हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम स्थान पर रहता था और मुझे कभी भी अपनी पढ़ाई में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा । हालाँकि , जैसे – जैसे मैं बड़ा होता गया , मुझे कक्षा में अपना प्रथम स्थान बनाये रखने का दबाव महसूस होने लगा और मैंने अपनी परीक्षा में नकल करना शुरू कर दिया ।


” एक मिनट पापा मुझे कुछ पूछना है .. ?? अकादमिक उत्कृष्टता क्या होता है ??
” बेटा अकादमिक उत्कृष्टता का मतलब पढाई में बहुत अच्छा ….. समझ गए ??
” जी .. “
” ठीक है बेटा “
7 दिन बाद मेरी छमाही परीक्षा प्रारम्भ होने वाली थी .. और मैं पढ़ाई से दूर होता जा रहा था .. इसका कारण था की पिछली बार मैंने जो परीक्षा दी थी उसमें मैं पढाई किये बगैर ही चला गया था और अपने सहपाठी से नकल करके पास हो गया था .. मुझे लग रहा था की यह सबसे अच्छा तरीका है .. मेहनत भी नहीं करनी होगी और मैं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकूंगा .. यह एक आसान रास्ता नजर आ रहा था .. लेकिन मैं अपने साथ – साथ अपने माता – पिता और गुरु जनों को भी धोखा दे रहा था .. जिसका परिणाम मुझे बाद में भुगतना पड़ा ।

” वो कैसे ” ?? ( मासूम रोहन बार – बार अपने पिता को सवाल पूछ रहा था .. लेकिन सुमित एक अच्छे पिता की तरह बाल मन की दुविधाओं को समझते हुए उसे समझा रहा था ) बताता हूँ .. बताता हूँ .. तो बेटा मेरी छमाही परीक्षा प्रारम्भ हुई .. और पहली ही परीक्षा के दिन से मैं अपनी मैं अपनी नक़ल करने की आदत में सुधार न करके अपने साथ बैठे सहपाठी की कॉपी से चुपचाप , चोरी – छिपे उत्तर लिख रहा था ..


शुरुआत में मेरी चीटिंग पर किसी का ध्यान नहीं गया और अंतिम परीक्षा से पहले तक मैं खूब नक़ल करता रहा और अच्छे परिणाम की कल्पना करके खुश होता रहा , मैं कल्पनाओं में देखता था की मैंने अच्छे अंक हासिल किए हैं और सभी लोग मेरी तारीफ़ कर रहे हैं । लेकिन अंतिम परीक्षा वाले दिन .. मेरे शिक्षक ने उन्हें मुझे अपने साथ बैठे सहपाठी के पेपर से नकल करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया । यह सब देखकर मेरे शिक्षक बेहद निराश थे और उन्होंने मेरे खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया ।


अब क्या होगा ?? .. यह सोच – सोच कर और भविष्य की कल्पना करके मैं डर रहा था .. मेरे माता – पिता को स्कूल बुलाया गया .. मेरे शिक्षक नरमी बरतने के मूड में बिलकुल नहीं थे .. उन्होंने मेरे माता को मेरी इस हरकत के विषय में बताया .. वह चौंक कर शर्मशार होने लगे और मेरी तरफ देखने लगे ..
उन्होंने हमेशा मुझे ईमानदारी और कड़ी मेहनत का महत्व सिखाया था । वे बहुत निराश थे कि उनके बेटे ने अच्छे अंक लाने के लिए ऐसे अनैतिक तरीकों का सहारा लिया ।

मेरे कक्षा अध्यापक ने सुझाव दिया कि मुझे मेरे कार्यों के लिए दंडित किया जाना चाहिए । उन्होंने सिफारिश की कि मुझे एक माह के लिए स्कूल से निलंबित कर दिया जाना चाहिए और सभी विषयों में शून्य भी दिया जाना चाहिए । उन्होंने अनुमान लगाया की आज नकल करते पकड़ा गया हूँ तो मतलब इससे पहले की परीक्षाओं में भी नकल ही की होगी .. और यह सच भी था .. लेकिन मैं कुछ भी बोलने लायक नहीं था ।

मेरे माता – पिता इस सजा से पूरी तरह सहमत थे .. वह मानते थे की उनके बेटे ने गलती की है .. और उनके बेटे को मतलब मुझे सजा जरूर मिलनी चाहिए .. जिससे की मुझे अपनी गलती का अहसास हो सके .. और भविष्य में ऐसी गलती न करूँ ..यह सजा सुनकर मैं भी बिल्कुल टूट गया था .. क्यों की मैं सभी के सामने धोखेबाज , नकलची घोषित हो गया था .. मेरी अच्छे छात्र की छवि जो कई वर्षों के परिश्रम से बनी थी .. पूरी तरह खराब हो गयी थी .. और इसका जिम्मेदार सिर्फ मैं था ..

स्कूल से निलंबन के दौरान , मैंने ने अपना समय अपनी गलतियों पर विचार करने में बिताया । मैंने महसूस किया कि परीक्षा में नकल करना या अपने माता – पिता और खुद धोखा देना सही काम नहीं था और इससे केवल एक छोटा लाभ / फायदा हुआ , जिसनें बाद में मुझे बड़ी हानि / नुक्सान पहुँचाया । मैंने खुद से वादा किया कि मैं फिर कभी जीवन में ऐसा नहीं करूंगा और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा ।
मेरे शिक्षकों ने जो सजा मुझे दी थी वह सजा पूरी करने के बाद मैं एक नए रूप में स्कूल लौटा ।
” नए रूप में मतलब .. आपने नया हेयरकट करवाया था या किसी और ड्रेस में स्कूल गए थे पापा “
हा हा हा हा .. ( बेटे की बातों पर सुमित अपनी हंसी नहीं रोक पाया )
” बेटे नए रूप में मतलब मैंने कड़ी मेहनत की और अपनी परीक्षा के लिए लगन से पढ़ाई की । और ईमानदारी से मेहनत करने के बाद अब चीटिंग करने की या धोखा देने की जरूरत नहीं थी .. क्योंकि मैं जानता था कि ईमानदारी से काम करने से आपके सभी दोष मतलब बुराइयाँ खत्म हो जाती है । और आप एक नए इंसान बन जाते है .. अब ये मत पूछना की नया इंसान मतलब ?? ( सुमित बाल मन को भांपते हुए मुस्कराने लगा ) नया इंसान मतलब जब आप अपनी गलती मान लेते हैं और सही दिशा में और सही तरीके से आगे बढ़ने का फैसला करते हैं ।


” और जानते हो रोहन उसके बाद क्या हुआ ?? .. उसके बाद वो हुआ जिसके बारे में न मेरे टीचर्स / शिक्षकों ने सोचा था , न मेरे सभी दोस्तों और न ही मेरे माता – पिता ने ..
मैंने अंतिम परीक्षा में सबसे ज्यादा अंकों के साथ पूरी क्लास में टॉप किया .. मुझे आज भी याद है जिस दिन परीक्षा का परिणाम आया था .. उस दिन मैं रो रहा था .. क्यों उस दिन सभी शिक्षकों , सहपाठियों और माता – पिता नें मेरी तारीफ़ की और कहा ” हमें तुम पर गर्व है “


” बेटे इन शब्दों नें मुझे बहुत ख़ुशी पहुंचाईं थी .. रोहन ईमानदारी और कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी थी । यह मेरे जीवन का सबसे कीमती सबक था .. और इसकी वजह से मैं एक बेहतर इंसान बन पाया था ।

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रोहन अपने पिता के जीवन में घटी इस प्रेरणादायक घटना को सुनकर बहुत खुश और अचंभित भी हुआ .. उसने कहा ” पापा .. आपने जो गलती की उससे मुझे भी एक सबक मिल गया .. मैं कभी स्वयं को या किसी और को भी अपने जीवन में कभी धोखा नहीं दूंगा , मैं आपकी तरह मेहनत करके आपको , मां को और अपने शिक्षकों को हमेशा गर्व महसूस कराऊंगा .. “


इतना कहकर रोहन अपने पिता से लिपट गया .. और सुमित नें भी उसे अपनी बाहों में भर लिया .. सुमित खुश और आश्वस्त था की उसनें रोहन को अपने जीवन का सबसे बड़ा सबक सिखाया .. और वह जीवन भर उसे याद रखेगा …

कहानियों के खजाने में और भी मोती है .. आइये देखते हैं .. 👉 हिंदी कहानियां

दोस्तों … यह तो थी सुमित की कहानी .. लेकिन क्या आप जानते हैं की किसी को धोखा देने , छल करने या बेईमानी करने के क्या परिणाम आ सकते हैं .. आइये थोड़े शब्दों में जानने की कोशिश करते हैं ..

धोखा , छल , बेईमानी करने के नुक़सान | Disadvantages of cheating

  • विश्वास का खत्म होना : जब कोई धोखा देता है तो वह अपने आसपास के लोगों का भरोसा तोड़ देता है . इससे लोग भविष्य में उन पर भरोसा करने में झिझक महसूस करते हैं । , और कुछ तो विश्वास करना बिल्कुल ही बंद कर देते ।

  • प्रतिष्ठा को नुकसान / हानि : धोखा किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है , खासकर अगर वे कुछ गलत करते हुए पकड़े जाते हैं , दूसरे शब्दों में रंगे हाथों पकड़े जाते हैं .. इससे उनका निजी और प्रोफेशनल (पेशेवर) जीवन प्रभावित हो सकता है ।

  • कानूनी परिणाम : स्थिति के आधार पर , धोखाधड़ी के कानूनी परिणाम हो सकते हैं । उदाहरणार्थ किसी परीक्षा में नकल करने से निष्कासन या कानूनी कार्रवाई हो सकती है । इससे शिक्षा या करियर पर अल्पकालिक और कई बार दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है .. जैसे सम्भव है की निष्काषन एक माह का हो और यह भी सम्भव है की भविष्य में किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय में दाखिला न मिले या नौकरी मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़े ।

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  • सम्मान में कमी : धोखा देने से दूसरों से मिलने वाले सम्मान की हानि हो सकती है । लोग धोखेबाज़ को बेईमान और अनैतिक के रूप में देखते हैं ।

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  • अपराधबोध और शर्मिंदगी : धोखा देने से अपराध बोध और शर्म की भावना पैदा हो सकती है , विशेषतः अगर व्यक्ति पकड़ा जाता है । यह उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है ।

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  • संबंधों / रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव : धोखा देने से दोस्तों , परिवार और सहकर्मियों के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं । परणामस्वरूप लोग किसी ऐसे व्यक्ति के साथ काम करना या जुड़ना पसंद नहीं करते , जिसने अतीत में धोखा दिया हो ।

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  • व्यक्तिगत विकास में कमी : धोखा व्यक्तिगत विकास को रोक सकता है , क्योंकि यह लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने के बजाय शॉर्टकट लेने की मानसिकता को प्रोत्साहित करता है ।

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  • कानूनी और वित्तीय दंड: कुछ मामलों में , धोखाधड़ी से कानूनी और वित्तीय दंड लग सकते हैं , जैसे – जुर्माना या कारावास ।

मित्रों .. आशा है आपने  भी सुमित और रोहन की तरह एक महत्वपूर्ण और सरल सबक़ भी लिया होगा .. और हर बार की तरह इस बार भी आपकी शिकयतों और सुझाव की प्रतीक्षा रहेगी .. एक बार फिर ..

धन्यवाद ..

Written by
Prateek
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