व्रत : महत्व , नियम एवं भोजन | Vrat : importance , rules AND food

व्रत : महत्व , नियम एवं भोजन | Vrat : importance , rules AND food

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भारत  विविधता  लिए  हुए  त्यौहारों  से  सजा एक  देश  है  ।  इन्हीं  खूबसूरत  त्योहारों  में  से  कुछ का  अभिन्न  अंग  है  उपवास  अर्थात  व्रत  { Fasting / Vrat }  । व्रत  में  एक  शक्ति  होती  है  क्योंकि  इसके  पीछे  मनोवैज्ञानिक  दृढ़ता  कार्य करती  है ।  व्रत  दुर्बल  के  वश  की  बात  नहीं  इसे सामर्थ्यवान  स्त्री  एवं  पुरुष  ही  रख  सकते  हैं  ।


व्रत / उपवास  का  महत्व  : Importance of Vrat { fasting } 


सर्वप्रथम  हम  यह  समझ  लेते  हैं  कि  व्रत  का तात्पर्य  संकल्प  से  है  ।  यह  संकल्प  सिर्फ  भोजन ना  करने  का  नहीं  कई  और  चीजों  का  भी  हो सकता  है ..  जैसे – मौन  रहना  आदि  ।  और उपवास  से  तात्पर्य  है  उप  =  समीप  ,  नजदीक ।  वास  =   निवास  करना  ,  रहना  । भोजन  एक  ऐसी  क्रिया  है  जिसमें  जीव्हा  का आकर्षण  हमें  बाहर  ही  उलझाए  रखता  है  । भारत  में  उपवास  इसी  कारण  बनाए  गए  हैं  कि व्यक्ति  कुछ  समय  इस  आकर्षण  से  मुक्त  होकर अपने  भीतर  स्थित  ईश्वर  का  ध्यान  लगाए ,  स्मरण  करें  । उपवास  का  न  सिर्फ  एक  आध्यात्मिक  महत्व  है बल्कि  यह  जीवनोपयोगी  एवं  आरोग्य  प्राप्ति  का साधन  भी  है । यहां  हम  निराहार  रहने  के  व्रत /  उपवास  के  विषय  में  बात  करेंगे ।


व्रत  के  नियम : Rules for fasting / Vrat : 

● व्रत  / उपवास  संकल्प { दृढ़निश्चय }  के  बिना  अधूरा  है  । सर्वप्रथम अच्छी  तरह  मंथन  करें  । क्या  एक  दिवसीय  या  9  दिवसीय  अथवा जब  तक  आपने  व्रत  लेने  या  उपवास  करने  का  निर्णय  लिया  है   आप  उसे  भली – भांति  पूरा  कर  सकते  हैं  या  नहीं  ??
● व्रत  के  दिन  सात्विक  आहार  लें  .. याद रखें : –  Purity is the mother of all values .तामसिक  , गरिष्ठ  , प्याज  , लहसुन  युक्त  तीखा  मिर्च – मसालेदार   आदि  भोजन  जो  पेट  के  रोगों  का  भी  जन्मदाता  है  उससे  बचें  और  बिल्कुल ना ले ।
● व्रत  के  दिन  मानसिक  स्वच्छता  भी  बनाएं  रखें  .. क्रोध  एवं  निंदा  से  दूर  रहें  ।  किसी  को  अपशब्द  न  कहें  और  न  ही  कोई  ऐसा  कार्य  करें  जो  आपको  भी  कोई  अपशब्द  सुनने  को  मिलें  ।
● उपवास  का  उपहास  न  करें  । कुछ  लोग  कल  उपवास  करना  है  यह  सोच  कर  रात  को  ही  जमकर  भोजन  करते  हैं  ,  या  उपवास  के दौरान  फल  इत्यादि  ठूंस – ठूंस  कर  खाते  हैं  ।  बाहर  से  हम  ईश्वर  को प्रसन्न  करने  के  लिए  व्रत  रख  रहे  हैं  और  भीतर  हमारे  भोजन  की वासना  प्रबल  रूप  से  उमड़  रही  है  ।  इन  बातों  का  त्याग  करें  इन सब  से  ईश्वर  तो  क्या  आपका  शरीर  भी  प्रसन्न  नहीं  होता ।
● व्रत  के  दिन .. दिन  में  ना  सोएं  एवं  ब्रम्हचर्य  का  पालन  अनिवार्य रूप  से  करें  ।  घर  के  बड़ों  का  आशीर्वाद  लेकर  दिन  प्रारंभ  करें  एवं यदि  दिन  में  नींद  आए  तो  उनका  ध्यान  करें  .. जिनका  व्रत  रख  रहे  हैं  /  रही  हैं ।
● उपवास  के  दिन  दान  का  भी  महत्व  होता  है  ।  व्रत  के  दिन  व्रती को  अपनी  क्षमता  अनुसार  दान  किसी  जरूरतमंद  को  करना  चाहिए  । लेकिन .. सावधान .. दान  अहंकार वश  ना  दें  , और  ना  ही  यह मानसिकता  रखें  कि  मोहल्ले ,  शहर  में  मेरी  प्रतिष्ठा  बढ़ेगी .. और  वाह – वाही  होगी । दान  ऐसे  करें  कि  दाएं  हाथ  से  करें  तो  बाएं  को  पता  ना  चले  .. यही  सच्चा  दान  है ।  निस्वार्थ  भाव  से  ईश्वर  भी  आपसे  यही  चाहते  हैं  ।
● व्रत  के  पूर्ण  होने  पर  शास्त्रों  के  अनुसार  एवं  किसी  योग्य  पंडित  के  मार्गदर्शन  में  आवश्यकतानुसार  हवन  इत्यादि  करें  ।
● व्रत  के  दिन  जिस  देवी  –  देवता  का  आप  व्रत  रख  ले  रहे  हैं  .. उन्हें  साथ – साथ  अपने  पितृगणों  और  पूर्वजों  का  भी  स्मरण  करें  ।

व्रत  का  भोजन  : Food for Vrat / fasting 


हमारे  देश  में  जितने  भी  व्रत  होते  हैं   उन  सभी  व्रत { Vrat }  एवं  उपवासों  के  संपन्न  होने  के  बाद  अलग – अलग  प्रकार  का  भोजन  होता  है । किसी  में  कुछ  वर्जित  होता  है  तो  किसी  में  कुछ ..  अतः  नियमों  का  पालन  करते  हुए   इस   बात  का   ध्यान   रखें  कि  व्रत  का प्रसाद  ( भोजन ) ही   व्रत   को  पूर्ण  बनाता  है  ..  उसका  पालन  करें  । …  हम  आपसे  यहां  किसी  व्यंजन  की  रेसिपी  की  अपेक्षा  कुछ  ऐसी  बातें   साझा  करेंगे  जो लगभग   सभी  प्रकार  के  व्रत / उपवास  पर  समान  रूप  से  लागू  होते  हैं  । दिन  भर  खाली  पेट  रहने  के  बाद  रात  को  अधिक  वसायुक्त  भोजन आपके  लिए  परेशानी  खड़ी  कर  सकता  है   अतः  दिन  में  संतुलित मात्रा  में  मौसमी  फलों  एवं  ड्राई – फ्रूट्स  का  सेवन  करें  । दिन  में  बार  –  बार  चाय  के  सेवन  से  बचें  । आजकल  हर  चीज  एक  क्लिक  पर  उपलब्ध  है ।  इंटरनेट  लगभग  सब  कुछ  आसानी  से  उपलब्ध  करा  देता  है ..   यहां   तक  की  व्रत  की फलाहारी  थाली  भी  ।  व्रत  का  समय  पूरा  होने  के  बाद  हमें  से कुछ लोग  फलाहारी  थाली  बाहर  से   आर्डर  करते  हैं  .. या  बाहर  ही  जाकर खाते  हैं  ।  ऐसा  करने  की  अपेक्षा  घर  पर  ही  फलाहारी  थाली  बनाएं वह  आपको  संक्रमण  से  भी  दूर  रखेगी  और  पर्याप्त  पोषण  भी  देंगी ।
सबसे  महत्वपूर्ण  बात  यह  है  कि  व्रत { Vrat }  के  दिन  प्रसाद  ग्रहण  किया जाता  है  .. अतः  व्रत  / उपवास  खोलने  के  लिए  जो  भी  खाएं  प्रसाद के  रूप  में  खाएं  भोजन  के  रूप  में  नहीं  ।


उपवास / व्रत  से  होने  वाले  लाभ : Benefits  of  fasting / Vrat 


● व्रत / उपवास  के  लाभों  में  सबसे  बड़ा  लाभ  यह  हैं   की  यह  अपने  आप  में  एक  व्यायाम  है  ।

 ● जब  आप  उपवास { Vrat }  करते  हैं  तो  आपके  शरीर  के  पाचन – तंत्र  को विश्राम  मिलता  है ..  और  उपवास  करने  से  शरीर  से   विषाक्त  पदार्थ बाहर  निकल  जाते  हैं । 

●  रक्त  में  एंडोर्फिन  का  स्तर  बढ़  जाता  है  जो  अच्छा  मानसिक स्वास्थ्य  प्रदान  करता  है  । 

●  उपवास  के  दौरान  शरीर  वसा  को  ऊर्जा  में  बदलता  है  ।  जिससे वजन  कम  होने  लगता  है  इस  तरह  वजन  कम  करने  में  उपवास बहुत  मददगार  साबित  होता  है  बशर्ते  और  दिन  भी  आप  संतुलित आहार  लेते  हैं  ।

● उपवास / व्रत   मानसिक  स्वास्थ्य  को  बेहतर  बनाने  में  भी  महत्वपूर्ण  भूमिका  निभाता  है  ।

कैसे ??

कहते  हैं  “ जैसा अन्न  वैसा  मन  ” हमारा  भोजन  तीन  प्रकार  का  होता  है  । 

सात्विक 

◆ रजोगुण

◆ तमोगुण

सात्विक  अन्न  हम  सभी  बहुत   कम  ग्रहण  करते  हैं  ,  क्योंकि   हमारी जीव्हा  रजोगुणी  और  तमोगुणी ..  जैसे  तेज  मसालेदार  , लहसुन ,  प्याज ,  चाइनीस  इत्यादि  में  आनंद  तलाशती  है ,  जिसके  दुष्परिणाम हमारा  मस्तिष्क  और  शरीर  दोनों  भोगते  हैं  ।

उपवास  के  दौरान  हम  खाली  पेट  रहते  और  सात्विक  भोजन  से उपवास /  व्रत  खोलते  हैं  जो  शारीरिक  और  मानसिक  स्वास्थ्य  दोनों के  लिए  लाभदायक  होता  है  ।


दोस्तों .. आजकल  के  माहौल  में  उपवास  के  साथ  एहतियात  बरतना  भी  बेहद जरूरी  है  ।क्योंकि  ..इसका  सीधा  असर  आपकी  रोग  प्रतिरोधक  क्षमता  पर  भी  पड़ता  है जो  लोग  मानसिक  और  शारीरिक  स्वास्थ्य  का  ध्यान  रखते  हैं  वे  कभी  उपवास  की  उपेक्षा  नहीं  करते  हैं ।  हर  दृष्टिकोण  से  हम  सभी  के  लिए  उपवास  का  बहुत  अधिक  महत्व है  ।

आशा  है  उपवास / Vrat आपको  यह  पोस्ट  पसंद  आएगी । हर  बार  की  तरह  इस  बार  भी  आपके  सुझाव  और  शिकायतों  की प्रतीक्षा  रहेगी  ।

Written by
Prateek
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