The Story of Bharat Ratna Award in Hindi || भारत रत्न पुरस्कार की कहानी
आशा है आप सभी स्वस्थ होंगे और कुछ नया जानने के इच्छुक भी , हालांकि आज जो हम यहाँ इस पोस्ट के माध्यम से साझा करने का प्रयास करेंगे वह कुछ नया नहीं है .. और न ही ऐसा है की आपने कभी उस विषय पर सुना या पढ़ा न हो .. फिर भी हम प्रयास करेंगे कुछ ऐसे पहलुओं को उजागर करने का जिन से शायद आप अनभिज्ञ हों …
इसे देने के लिए देश के कुछ उन श्रेष्ठम व्यक्तित्वों का चुनाव किया जाता है जिन्होंने जिन्होंने कला , साहित्य , विज्ञान , समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्तम योगदान देकर राष्ट्र सेवा की और विश्व में देश को गौरवांकित किया । भारत रत्न देश के राष्ट्रपति द्वारा प्रतिवर्ष 26 जनवरी को दिया जाता है ।
इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी । लेकिन अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता ।
ये आवश्यक नहीं है कि ये सम्मान हर साल दिया जाए . आमतौर पर भारत में जन्मे नागरिकों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है , लेकिन मदर टेरेसा और दो गैर - भारतीयों , पाकिस्तान के राष्ट्रीय खान अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को भी भारत रत्न प्रदान किया गया है ।
प्रारम्भ में इस पुरस्कार को मरणोपरांत प्रदान करने का प्रावधान नहीं था । लेकिन 1955 में बाद में जोड़ा गया , तदोपरांत 15 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया और प्रारम्भ से लेकर अब तक कुल 48 लोगों को यह पुरस्कार दिया जा चूका है ..
समय के साथ भारत रत्न ( Bharat Ratna award ) के डिजाइन में बदलाव भी हुए हैं .. प्रारम्भ में जहां यह 35 मिलीमीटर का गोलाकर स्वर्ण पदक हुआ करता था. जिस पर सामने की तरफ सूर्य का चित्र होता था , ऊपर भारत रत्न ( Bharat Ratna award ) लिखा होता था और नीचे एक पुष्पहार ( फूलों का हार ) बना होता था. पदक के पिछले हिस्से पर राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था ।
अब पदक अनुमानतः 5.8 सेंटीमीटर लंबा , 4.7 सेंटी मीटर चौड़ा और 3.1 मिली मीटर चौड़ी पीपल की पत्ते के रूप में है । इसके ऊपर 1 .6 सेंटीमीटर गोलाई में सूर्य की तस्वीर अलंकृत है । इसके नीचे देवनागरी लिपि में भारत रत्न शब्द की नक्काशी है । इसके पीछे राज्य का प्रतीक चिन्ह तथा आदर्श वाक्य भी देवनागरी में लिखा है । प्रतीक चिन्ह , सूर्य और गोलाई प्लेटिनम की बनी हुई है , और अभिलेख ( किसी विशेष महत्व अथवा प्रयोजन के लेख को अभिलेख कहा जाता है ) कांस्य का है ।
भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता को कोई धनराशि नहीं मिलती लेकिन भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति को जीवन भर आयकर का भुगतान नहीं करना पड़ता है । इसके अतिरिक्त उन्हें अन्य सरकारी सेवाएं प्रदान की जाती है जैसे - भारतीय रेलवे की ओर से मुफ्त यात्रा की सुविधा , दिल्ली सरकार , दिल्ली परिवहन निगम की बसों में भारत रत्न प्राप्तकर्ता को मुफ्त यात्रा की सुविधा एवं सरकार द्वारा ‘ वॉरंट ऑफ प्रेसीडेंस ‘ में स्थान मिलता है । वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में लोगों को वरीयता देने के लिए होता है । ये एक तरह का प्रोटोकॉल है .. इस प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति , उप राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , राज्यपाल , पूर्व राष्ट्रपति , उप - प्रधानमंत्री , मुख्य न्यायाधीश , लोकसभा स्पीकर , कैबिनेट मंत्री , मुख्यमंत्री , पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह दी जाती है ।
13 जुलाई , 1977 से 26 जनवरी , 1980 तक इस पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था । भारत रत्न पुरस्कार { bharat ratna award } प्राप्त विजेता को अति विशिष्ट व्यक्तित्व ( VVIP ) के समकक्ष का दर्जा मिलता है ।
देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न प्राप्त करने वाली प्रथम महिला इंदिरा गांधी थी ..,
प्रसिद्ध भारतीय कर्नाटिक गायिका एम . एस .सुब्बुलक्ष्मी भारत रत्न पाने वाली पहली संगीतकार थी , तथा इन्हे 1998 में सम्मानित किया गया था ।